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प्रेरणादायक कहानियां

जब राजा ने तराजू पर सोने की मोहर देखी तो उसे लोमड़ी की बात पर पक्का यकीन हो गया | दो दिन बाद लोमड़ी फिर से तराजू मांगने आई और बोली कि – ” उसके मालिक को आज हीरे-मोती तौलने हैं |”

राजा को उसकी बात पर फिर से आश्चर्य हुआ | राजा से तराजू लेकर लोमड़ी सुनार के एक घर में एक मोती चुरा लाई | उस मोती को तराजू में चिपकाकर फिर से राजा को लौटा आई | राजा को मोती देखकर बड़ी हैरानी हुई |

कुछ दिन बाद फिर से लोमड़ी राज दरबार में हाजिर हुई और राजा से बोली – ” महाराज! मेरे मालिक विवाह करना चाहते हैं! सुना है, आपकी एक कन्या विवाह योग्य है | क्यों ने अपनी कन्या का विवाह आप मेरे मालिक से कर दें |”

राजा को लोमड़ी का प्रस्ताव पसंद आया | विवाह की तैयारियां होने लगी, जिस दिन बारात जानी थी | लोमड़ी खूबचंद के पास जाकर बोली – ” आप तैयार हो जावे! मैं राजकुमारी के साथ आपका विवाह तय कर आई हूं | आज विवाह है |”

खूबचंद लोमड़ी की बात सुनकर हैरान रह गया | वह बोला – ” यह क्या तमाशा है! मैं एक गरीब आदमी हूं | तुम राजा की बेटी को मुझ से ब्याहने की बात कर रही हो |”

लोमड़ी बोली – ” आप घबराएं नहीं! मैं सब संभाल लूंगी |” इतना कहकर वह राज दरबार में पहुंची और राजा से बोली महाराज मेरे मालिक पूरे साज-धाज के साथ बारात लेकर आ रहे थे; किंतु रास्ते में डाकू ने उन्हें घेर लिया | वह अपने साथ सभी लोगों को पकड़कर ले गए | सारा सामान लूट लिया | मेरे मालिक ने अपना भेस बदल कर वहां से भागकर किसी प्रकार से अपनी जान बचाई | अब वह एक पनचक्की मैं शरण लिए हुए हैं, कृपया आप उन्हें जेवर कपड़े तथा हाथी-घोड़े भेज दें | जिससे वे राजकुमारी को ब्याहने आ सकें |”

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